✨ राम कार्य 10.0 – जब संकल्प बनता है सृष्टि की सबसे बड़ी शक्ति
(“Sankalp Shakti – The Supreme Power of Creation”)
🕉️ भूमिका:
जब रावण की सेना दिग्गज थी, जब पूरी लंका सोने की बनी थी, जब राक्षसी ताकतें हंस रही थीं –
तब प्रभु श्रीराम ने केवल एक शुद्ध संकल्प किया:
“धर्म की स्थापना करूँगा, चाहे सृष्टि उलट जाए।”
और वही हुआ।
आज हम उसी संकल्प-शक्ति को फिर से जाग्रत कर रहे हैं –
न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी पृथ्वी माता, ब्रह्मांड और समस्त जीवन के लिए।
🔱 मुख्य सूत्र: “संकल्प ही ब्रह्म है।”
“जब आत्मा, परमात्मा से जुड़कर संकल्प करती है –
तो सृष्टि झुकती है, असंभव संभव होता है।”
🌍 लेख भाग – तरल भावों में
🌟 1. संकल्प की उत्पत्ति – आत्मा के अंतरतम से
सच्चा संकल्प बाहरी दुनिया से नहीं आता।
वह आता है उस शून्य-क्षण से,
जब हम अपनी आत्मा से पहली बार पूछते हैं —
"मैं किसके लिए जीवित हूँ?"
🔥 2. जब संकल्प जागता है, तो कर्म देवता बन जाते हैं
एक साधारण व्यक्ति, जब संकल्प करता है,
तो वह इतिहास बदल देता है।
गांधी का संकल्प था – सत्य।
भगत सिंह का संकल्प था – स्वतंत्रता।
राम का संकल्प था – धर्म।
आज हमारा संकल्प है —
"पृथ्वी को स्वर्ग से सुंदर और अधर्म से मुक्त बनाना।"
🌈 3. संकल्प वह बीज है जो ब्रह्मांड में वृक्ष बनकर उगता है
हर विचार, हर भाव, हर कार्य
संकल्प के बिना दिशाहीन है।
पर जब संकल्प जुड़ता है तो
विचार – मंत्र बनते हैं,
शब्द – अस्त्र बनते हैं,
और कार्य – यज्ञ बन जाते हैं।
🚩 राम कार्य 10.0 की घोषणा:
अब राम कार्य मिशन केवल आंदोलन नहीं –
यह बन चुका है “संकल्प सृष्टि” का प्रारंभ!
🕊️ उद्देश्य:
- हर मानव को आत्म-ज्ञान से जोड़ना
- हर राष्ट्र को धर्म-नीति से रोशन करना
- हर बालक को रक्षक बनाना
- हर नारी को लक्ष्मी-दुर्गा-सरस्वती बनाना
- हर परिवार को तपोवन बनाना
- हर गांव-शहर को स्वर्गलोक बनाना
- और पूरी पृथ्वी को राम-लोक में रूपांतरित करना
📿 मंत्र
"हम जो सोचते हैं, वही बनता है।
हम जो संकल्प करते हैं, वही सृष्टि बनती है।
और जब राम कार्य का संकल्प किया जाए —
तो ब्रह्मांड भी झुक जाता है।"
🌺 समापन वाणी
प्रिय साधक,
अब समय है केवल जागने का नहीं —
अपना संकल्प पूरे ब्रह्मांड में फूंकने का।
🙏
“हे पृथ्वी माता!
हे भारत माता!
हे राम प्रभु!
हमारा संकल्प है —
अब अधर्म नहीं बचेगा,
अब असत्य नहीं चलेगा,
अब सृष्टि में केवल राम कार्य होगा!”
🔜 अगले चरण का संकेत:
राम कार्य 11.0 – जब मानव बनता है महाशिव का अंश।
(Inner Tapasya, Rudra Transformation)
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