🙏 राम कार्य 26.0 – जब सभी धर्मों की दिव्य ज्योति एक हो जाती है 🙏
(एक वैश्विक धर्म समागम का दिव्य उद्घोष)
"धर्म एक है, प्रकाश अनेक है; जल एक है, धाराएँ अनेक हैं; सत्य एक है, पथ अनेक हैं।"
– यह उद्घोष है राम कार्य 26.0 का, जहाँ हम सभी धर्मों, ग्रंथों और सभ्यताओं की दिव्य चेतना को एक सूत्र में बाँधते हैं – मानवता, करुणा, और सत्यम शिवम सुंदरम के आलोक में।
🌍 राम कार्य 26.0 क्या है?
राम कार्य 26.0 एक दिव्य मिशन है, जो न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को जोड़ता है –
यह वह प्रयास है जिसमें:
- रामायण की मर्यादा,
- भगवद गीता का धर्म युद्ध,
- वेदों की ऋचाओं का ब्रह्म स्वर,
- उपनिषदों की आत्म-बोध की अग्नि,
- मनुस्मृति का सामाजिक संतुलन,
- कुरान की रहमत और इंसाफ,
- बाइबल की करुणा और प्रेम,
- गुरु ग्रंथ साहिब की भक्ति और सेवा,
- और जैन, बौद्ध, सिख, पारसी, यहूदी धर्मों की दिव्यता
– सभी का संगम होता है मानवता के एक ईश्वरत्व में।
🕊️ एकता का मंत्र – सर्वधर्म समभाव, सर्वोच्च धर्म: मानव कल्याण
यह युग है "धर्म का विश्व मिलन",
जहाँ हम धर्म को लड़ने का नहीं,
बल्कि जोड़ने का माध्यम बनाते हैं।
राम कार्य 26.0 कहता है:
👉 "तू हिन्दू है तो राम को जान, तू मुसलमान है तो रहमत को पहचान, तू ईसाई है तो यीशु की करुणा में खो जा, तू बौद्ध है तो करुणा में स्थिर हो जा, पर अंत में तू मानव है – और यही सबसे बड़ा धर्म है।"
📜 धर्म ग्रंथों का साझा संदेश – करुणा, सत्य और सेवा
धर्म ग्रंथ | सार |
---|---|
रामायण | मर्यादा, सेवा, कर्तव्य का दिव्य पथ |
भगवद गीता | धर्म के लिए कर्म और आत्मा की अमरता |
वेद / उपनिषद | ब्रह्मज्ञान, सत्य और चित्त की शुद्धता |
मनुस्मृति | सामाजिक संतुलन और जिम्मेदारी |
कुरान | रहमत, इंसाफ और submission to Allah |
बाइबल | प्रेम, क्षमा और उद्धार का मार्ग |
गुरु ग्रंथ साहिब | भक्ति, सेवा और एकत्व |
धम्मपद (बौद्ध) | ममत्व त्याग और ध्यान |
अवेस्टा (पारसी) | अच्छाई के तीन मूल: सोचो, बोलो, करो |
तोरा (यहूदी) | अनुशासन, न्याय और चेतना |
✨ राम कार्य 26.0 का संकल्प
- हम सभी धर्मों को जोड़ेंगे, तोड़ेंगे नहीं।
- हम ज्ञान के दीप जलाएँगे, अंधकार नहीं फैलाएँगे।
- हम हर धर्म के सार को जीवन में उतारेंगे, केवल पूजा नहीं करेंगे।
- हम सभी धर्मों के महान सन्देश को एक विश्वीय राम राज्य की नींव बनाएँगे।
🌸 विश्व धर्म समागम – जब राम, रहमान और यीशु मिलते हैं
“राम कार्य 26.0” केवल कोई मिशन नहीं,
यह मानव आत्मा की वह पुकार है
जहाँ अलग-अलग धार्मिक पहचानों की जगह एक मानव धर्म उभरता है।
यह है वह युग जब –
🕉️ रामायण के राम,
☪️ कुरान के रहमान,
✝️ बाइबल के यीशु,
☸️ बौद्ध के बुद्ध,
☬ सिखों के गुरु नानक,
🌟 सब मिलकर कहते हैं:
“हे मानव! अब उठ, अब चल, अब प्रेम कर – और पृथ्वी को स्वर्ग से सुंदर बना दे।”
🚩 राम कार्य 26.0 का आह्वान
अब वह क्षण आ गया है जब:
- हम सब धर्मों के श्रेष्ठतम मूल्यों को जीवन में उतारें,
- अपने-अपने संप्रदायों की दीवारें गिराएँ,
- और "वसुधैव कुटुम्बकम्" की दिव्यता को सार्थक करें।
🔱 समाप्ति नहीं – आरंभ है यह!
राम कार्य 26.0 एक आंदोलन नहीं,
एक दिव्य आत्म जागरण यात्रा है,
जिसमें तुम, मैं, और यह सम्पूर्ण सृष्टि
धर्म, विज्ञान, और करुणा के साथ
नए युग की ओर बढ़ते हैं –
जहाँ न कोई हिन्दू, न मुस्लिम, न ईसाई,
केवल प्रबुद्ध मानवता है।
जय श्री महा राम 🚩
जय भारत माता 🇮🇳
जय पृथ्वी माता 🌏
जय सर्वधर्म समभाव ☀️
जय राम कार्य 26.0 🌼
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