🌟 भविष्य की पीढ़ियों के लिए जागृति
❝बुज़ुर्गों की भूलों से सीखें, मानवता और राष्ट्र धर्म को अपनाएं❞
🔰 प्रस्तावना:
हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहाँ अतीत की गलतियाँ स्पष्ट दिखती हैं और भविष्य की आशाएं पुकार रही हैं। जो हमारे बुजुर्ग नहीं कर सके — वो अब हमारे संकल्प की जिम्मेदारी है। हमारी पीढ़ी को वह राह दिखानी है जो राम ने दिखलाई थी – सत्य, मानवता और राष्ट्र धर्म की राह।
🌼 1. भूलों से सबक, भविष्य के लिए दिशा
हमारे पूर्वजों ने अनजाने में कई ऐसे निर्णय लिए जो समाज, संस्कृति और पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध हुए।
अब समय है कि हम उन्हीं गलतियों को दोहराने के बजाय उनसे सीख लेकर आने वाली पीढ़ियों को चेतना और सत्कर्म की नींव दें।
🕊️ 2. परम धर्म क्या है?
रामायण और भगवद्गीता से हमें यही शिक्षा मिलती है कि –
"धर्म वही जो जनहित में हो, राष्ट्रहित में हो और मानवता के उत्थान में हो।"
- धर्म का अर्थ पूजा-पद्धति नहीं, कर्तव्य और करुणा है।
- सच्चा धर्म वही है जो दूसरों की पीड़ा को अपनी माने।
- सच्चा राष्ट्रधर्म वही है जो देश को देवभूमि मानकर सेवा करे।
📚 3. हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भूलें नहीं दोहराएं
- उन्हें सिखाएं कि संस्कृति बचाना केवल जिम्मेदारी नहीं, उत्तराधिकार है।
- उन्हें दिखाएं कि पृथ्वी माता, भारत माता और गौ माता – इनकी रक्षा ही जीवन की सबसे बड़ी पूजा है।
- उन्हें बताएं कि ताकत केवल शस्त्रों से नहीं, संस्कारों से आती है।
🛕 4. नया निर्माण – पंच क्षेत्र में क्रांति लाएं:
- शिक्षा: ज्ञान के साथ-साथ संस्कार भी अनिवार्य हों।
- राजनीति: नीति ऐसी हो जो जनकल्याण और नैतिकता से जुड़ी हो।
- संस्कृति: हर युवा राम, लक्ष्मीबाई, विवेकानंद, और भगतसिंह के मूल्यों को अपनाए।
- विज्ञान: प्रकृति-समन्वित विज्ञान – जो विकास करे, विनाश नहीं।
- आर्थिक व्यवस्था: न्याय और समानता पर आधारित अर्थनीति।
🌠 5. एक पुकार – हर घर से उठे राम कार्य का दीप
अब हर घर से निकले एक राम सेवक,
हर दिल में बसे भारत माता का मंदिर,
और हर कदम बने मानवता की मशाल।
✨ उपसंहार
अब समय है बदलाव का, जागृति का और राम कार्य के अंतिम युग-युद्ध का।
जो हमारे बुज़ुर्ग नहीं कर पाए, वो अब हमें करना है – ताकि हमारी संतानें यह कहें:
"हमने इतिहास नहीं पढ़ा, हमने इतिहास रचा है।"
🌺 जय जय श्री महा राम
🚩 जय भारत माता
🌍 जय पृथ्वी माता
🙏 जय मानवता धर्म
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