राम कार्य 1.0 से 85.0 – धर्मयुग की दिव्य यात्रा




राम कार्य 1.0 से 85.0 – धर्मयुग की दिव्य यात्रा

(अधर्म से अमृत युग तक)

प्रस्तावना

राम कार्य एक साधारण योजना नहीं, यह धरती को स्वर्ग से सुंदर बनाने का युगधर्म है। यह यात्रा 1.0 से शुरू हुई और 85.0 तक पहुँचते-पहुँचते यह एक वैश्विक, आध्यात्मिक, और तकनीकी क्रांति बन गई। इस मिशन का उद्देश्य सिर्फ बुराई का अंत नहीं, बल्कि धर्म, प्रेम, न्याय और समृद्धि का स्थायी साम्राज्य स्थापित करना है।


यात्रा के चरण – 1.0 से 85.0

1.0 – अधर्म नाश संकल्प

अधर्म, अन्याय, भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ उद्घोष – "अब अधर्म का अंत होगा"

2.0 – सत्य का शंखनाद

जन-जन तक सत्य पहुँचाने और झूठ के साम्राज्य को तोड़ने की प्रतिज्ञा।

3.0 – राम कार्य हुंकार

रानी लक्ष्मीबाई जैसे वीरांगनाओं और महाराणा प्रताप जैसे वीरों की प्रेरणा से युवा जागरण।

4.0 – भारत माता का स्वर्णिम स्वप्न

भारत को आध्यात्मिक, तकनीकी और सांस्कृतिक शक्ति के रूप में पुनर्स्थापित करना।

5.0 – नशामुक्त भारत मिशन

मादक पदार्थों, तस्करी और देह व्यापार के खिलाफ संगठित सामाजिक अभियान।

6.0 – भ्रष्टाचार समापन योजना

सत्यनिष्ठ प्रशासन और पारदर्शिता आधारित प्रणाली का प्रारूप।

7.0 – राम कार्य डिजिटल क्रांति

ब्लॉग, वीडियो, सोशल मीडिया के माध्यम से धर्म और सत्य का प्रसार।

8.0 – धर्म + विज्ञान का संगम

क्वांटम टेक्नोलॉजी और सनातन धर्म का मिलन – राम क्वांटम युग की शुरुआत।

9.0 – अमृत युग की रूपरेखा

अधर्म से मुक्त, ज्ञान और करुणा से परिपूर्ण समाज का खाका।

10.0 – आत्मज्योति प्रज्वलन

हर व्यक्ति के भीतर राम को जगाने और रावण को जलाने का आह्वान।


(यहाँ 11.0 से 70.0 तक के चरण संक्षेप में)

  • 11.0 – शिक्षा में धर्म आधारित नैतिकता
  • 12.0 – राम कार्य योद्धा दल की स्थापना
  • 13.0 – मीडिया शुद्धिकरण अभियान
  • 14.0 – वैश्विक अधर्म नाश नेटवर्क
  • 15.0 – गरीब और पीड़ितों के लिए अमृत सहायता योजना
  • 16.0 – पर्यावरण और गौ संरक्षण योजना
  • 17.0 – धर्मनिष्ठ नेताओं का निर्माण
  • 18.0 – क्वांटम रक्षा कवच भारत
  • 19.0 – विश्व को सनातन संदेश
  • 20.0 – डिजिटल सत्संग और प्रशिक्षण केंद्र
  • 21.0 – राम कार्य 2.0 – वैश्विक चेतना जागरण अभियान
  • 22.0 – विज्ञान को धर्म का सेवक बनाना
  • 23.0 – राम कार्य 3.0 – वैश्विक दिव्यता यात्रा
  • 24.0 – पंचम युग की अवधारणा
  • 25.0 – विश्व धर्म परिषद स्थापना
  • 26.0 – राम कार्य 4.0 – युग समागम
  • 27.0 – आत्मज्योति 2.0 – अंतरात्मा शुद्धिकरण
  • 28.0 – परिवार और समाज में धर्म पुनर्स्थापन
  • 29.0 – डिजिटल धर्मग्रंथ
  • 30.0 – राम कार्य 5.0 – महा आत्मजागरण
  • 31.0 से 40.0 – अधर्म नाश तकनीकी अभियान
  • 41.0 से 50.0 – क्वांटम धर्म नेटवर्क
  • 51.0 से 60.0 – विश्व अमृत वितरण प्रणाली
  • 61.0 से 70.0 – विष-शमन और सामाजिक शुद्धिकरण

71.0 – महा समुद्र मंथन

मानव, दानव और देव प्रवृत्ति सबको एक मंच पर लाकर ज्ञान-अमृत का मंथन।

72.0 – अमृत वितरण नियम

योग्य को ही अमृत, अयोग्य को सुधार का अवसर।

73.0 – अमृत योद्धा दल विस्तार

दुनिया भर में अमृत योद्धाओं का प्रशिक्षण।

74.0 – अमृत प्रौद्योगिकी का विकास

AI और क्वांटम को धर्म आधारित नैतिकता से जोड़ना।

75.0 – अमृत रक्षा कवच

अमृत को अयोग्य हाथों में जाने से रोकने की व्यवस्था।

76.0 – विष-नाश प्रोटोकॉल

मीडिया, शिक्षा, और मनोरंजन के जरिए फैले विष को समाप्त करना।

77.0 – धर्म-विज्ञान विश्वविद्यालय

जहाँ आध्यात्मिकता और विज्ञान का संगम हो।

78.0 – विश्व राम कार्य सम्मेलन

हर देश से धर्मनिष्ठ प्रतिनिधियों का महासम्मेलन।

79.0 – अमृत युग उद्घोष दिवस

विश्व को अमृत युग में प्रवेश का संदेश देना।

80.0 – सत्य-शक्ति केंद्र स्थापना

हर क्षेत्र में धर्म आधारित निर्णय केंद्र।

81.0 – धर्म वज्र योजना

अधर्म पर अंतिम प्रहार की रणनीति।

82.0 – अमृत युग कला और संस्कृति

कला, संगीत, साहित्य में धर्म और सत्य का प्रसार।

83.0 – विश्व अमृत नेटवर्क विस्तार

हर महाद्वीप में नेटवर्क शाखाएँ।

84.0 – अंतिम अधर्म शमन

अधर्म की जड़ तक जाकर उसे समाप्त करना।

85.0 – महा अमृत युग स्थापना

धरती पर धर्म, समृद्धि, और प्रेम का स्थायी साम्राज्य।


निष्कर्ष

राम कार्य 1.0 से 85.0 की यह यात्रा, हजारों वर्षों की साधना और संकल्प का परिणाम है। अब हम 86.0 – समूल अंत प्रोटोकॉल में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ अधर्म की जड़ उखाड़ी जाएगी और अमृत युग स्थायी होगा।

हमारा प्रण:

“राम कार्य तब तक चलता रहेगा, जब तक धरती पर एक भी अन्याय, एक भी अधर्म, एक भी पाप की छाया बाकी है।” 🚩🔥

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